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नई दिल्ली. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव (Assembly Election Results) में करारी हार के तीन दिनों बाद कांग्रेस की वर्किंग कमिटी (CWC) की बैठक आज शाम 4 बजे हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक माना जा रहा है कि इस बैठक में कांग्रेस (congress) में आंतरिक चुनाव सितंबर में कराए जाने की घोषणा हो सकती है.
गुरुवार को चुनाव परिणाम में कांग्रेस पांच में से एक में भी नहीं जीत सकी. पंजाब में जहां कांग्रेस की सरकार थी, वहीं भी सत्ता गंवा बैठी और सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस राज्य अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू भी चुनाव हार गए. कांग्रेस को उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में वापसी की उम्मीद थी लेकिन इन उम्मीदों पर पानी फिर गया.
उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार की कमान प्रियंका गांधी (Priynaka Gandhi) ने अपने कंधों पर ले रखी थी लेकिन यहां पार्टी की 2017 से भी करारी हार हुई. यहां कांग्रेस को दो सीटों से ही संतोष करना पड़ा. पिछली बार के मुकाबले तीन सीट कम ही हो गई. राहुल गांधी ने भी यहां चुनाव प्रचार किया था. इतने बड़े राज्य में कांग्रेस को 2.4 प्रतिशत वोट मिला.
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जी-23 नेताओं को मिला बल
पार्टी की इतनी बड़ी हार के बाद ग्रुप 23 के नेताओं को मौका मिल गया है. गुलाम नबी आजाद की अगुवाई वाली ग्रुप 23 के नेता कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन और आंतरिक चुनाव की मांग करते आ रहे हैं. ये नेता मुख्य कांग्रेस से अलग विचार रखने लगे हैं और दो साल पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर नेतृत्व के लिए चुनाव कराने की बात कह चुके हैं. हालांकि जी 23 के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कोई सुधार नहीं होने वाला है. इधर ग्रुप 23 के सदस्य कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, शशि थरूर ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा है कि अब पार्टी बदलाव से नहीं बच सकती. एक अन्य कांग्रेसी नेता जयवीर शेरगिल ने पार्टी में सुधार की मांग करते हुए आगे नुकसान से बचने के लिए पारदर्शिता की अपील की है.
गुलाम नबी आजाद के घर असंतुष्टों की बैठक
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक ग्रुप 23 के कुछ असंतुष्ट नेताओं ने कल शाम गुलाम नबी आजाद के घर पर बैठक की जिसमें आगे के हालात पर चर्चा हुई. बैठक में पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए अब तक कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाने के कारण कांग्रेस नेतृत्व के प्रति अपनी निराशा प्रकट की. बैठक में इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि गई असम, पश्चिम बंगाल, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव में हार के बावजूद पार्टी ने मूल्यांकन के लिए जो समिति गठित की थी उसकी रिपोर्ट पर अब तक चर्चा नहीं की गई.
कर्नाटक के नेताओं को गांधी परिवार पर भरोसा
हालांकि गांधी परिवार के भरोसेमंदों ने अभी भी सोनिया गांधी के प्रति अपनी निष्ठा प्रकट की है. कर्नाटक के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और डीके शिवकुमार ने गांधी परिवार के प्रति भरोसा जताया है. एक इंटरव्यू में डी शिवकुमार ने कहा कि गांधी परिवार के बिना कांग्रेस का कोई भविष्यय नहीं है. उन्होंने कहा कि सिर्फ गांधी परिवार ही कांग्रेस को एकताबद्ध कर सकता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में एकता के लिए गांधी परिवार मुख्य कुंजी है. गांधी परिवार के बिना कांग्रेस जीवित ही नहीं रह सकती.
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Tags: Congress, Rahul gandhi, Sonia Gandhi
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