यह मध्यम आकार के लगभग 4-12 सेंटीमीटर लंबे -चौड़े होते हैं, दिखने में दांतेदार किनारों के साथ 3-6 सिराएँ निकली होतीं हैं। इसकी पत्तियां बेहद कोमल चमकीले हरे रंग की होती हैं,
इसकी बेल काफी उलझी हुई और आसानी से पहचान में आने के लिए भी जानी जाती है, इसकी लम्बाई की बात करें तो यह पांच मीटर से भी ज्यादा बढ़ सकती है।
Bitter Gourd Leaves सहित करेले के पूरे पौधे और फल सबका स्वाद कड़वा ही होता है। करेले के पौधे सूखे जगहों पर आपको साल भर उपलब्ध मिलेंगे और पानी वाली जगह पर बरसात के मौसम में पौधे सुख जातें हैं ।
Bitter Gourd Leaves, जिन्हें वानस्पति विज्ञान में मोमोर्डिका चारेंटिया के रूप में वर्गीकृत किया गया है,और यह एक कुकुर्बिटेसी परिवार के मुख्य सदस्य के रुप में जाना जाता हैं।
इसके पत्तियों का उपयोग दैनिक जीवन में चाय के रूप में भी किया जाता है। इसके पौधे और फल का जो प्रसिद्ध कड़वा स्वाद इसमें उपस्थित कुनैन की उच्च मात्रा के कारण होता है।
करले को लैटिन भाषा में, मोमोर्डिका कहा जाता हैं , जिसका हिंदी अनुवाद "काटना" होता हैं। यह नाम इसके पत्तियों के आकार को देखकर उसके संदर्भ में रखा गया है,
जो दिखने में ऐसा लगता है मानो इनके पत्तियों को काटकर बनाया गया हो। bitter gourd leaves विटामिन-ए , विटामिन सी और आयरन भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
पत्तियों और उनसे जुड़ी टेंड्रिल्स को आमतौर पर अच्छे से आग पर पकाकर भोजन के रूप में परोसा जाता है क्योंकि पकाने से इसके पत्तो की कड़वाहट काफी हद तक कम हो जाती हैं ।
फिलीपींस देश में इसके पत्तियों को आमतौर पर गिनिसांग मोन्गो नामक एक प्रसिद्ध व्यंजन में चावल और मूंग के साथ भोजन में परोसा जाता है। bitter gourd leaves का उपयोग करी,
और बहुत ही नाजुक बनावट की होती है, उनका उपयोग सलाद के साथ में भी किया जा सकता है। रेफ्रिजरेटर में पालीथीन की थैली में ताज़े पत्ते तोड़कर रखे जाने पर इसकी पत्तियों को कुछ दिनों तक उपयोग किया जा सकता हैं।
करले के फल और पत्तियों का उपयोग बहुत ही लंबे समय से अमेज़ॅन में इसके औषधीय गुणों के कारण किया जाता रहा है। पेरू में,खसरे और मलेरिया जैसी खतरनाक बिमारियों के लक्षणों को
और बच्चे के जन्म में सहायता के लिए भी किया जाता रहा है। करेले की पत्तियों को ज्यादातर तो सुखाकर चाय के रूप में या फिर पीसकर पेस्ट बनाकर औषधीय इलाज के रूप में भी उपयोग किया जाता है।
मूल रूप से भारत में उगने वाली सब्ज़ी की यह प्रजाति ,1400 ईस्वी के दशक के शुरुआती दौर में चीन पहुंची और धीरे-धीरे ब्राजील और अमेज़ॅन तक फैल गई। करले के पौधे उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों