दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा कि – 1 अगस्त से आम आदमी पार्टी की Old Liquor Policy दिल्ली में फिर से लागू होने जा रही है।
जहरीली शराब की घटना हम आये दिनों अखबारों में पढ़ते और सुनते रहते है। इसी जहरीली शराब से होने वाली त्राशदी को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने Old Liquor Policy को फिर से लागु करने का फैसला लिया है।
मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि गुजरात में शराब बंदी के बावजूद वहाँ हज़ारो करोड़ के शराब का कारोबार होता है। जिसके कारण लोग अपनी जान गँवा रहे है।
नकली और ज़हरीली शराब से होने वाली मौत की खबर आम है और मीडिया में भी अक्सर ये खबर देखने को मिलती है। सिसोदिया का मानना है कि उनके पार्टी के शराब नीति से भ्रष्टाचार रुका है।
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Old Liquor Policy की क्या ज़रूरत है
अगर दिल्ली में शराब कि बिक्री बंद हो गयी तो अवैध तरीके से शराब कारोबार में बढ़ोतरी होगी। जिससे नकली शराब का कारोबार फ़ैल सकता है। सिसोदिया दिल्ली में ज़हरीली शराब नहीं चाहिए।
पहले दिल्ली सर्कार को शराब से 6 हजार करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिलता था। उनकी लायी गयी Old Liquor Policy से उन्हें अब 9500 करोड़ रुपए की आमदनी हुई थी। ये भ्रस्टाचार न होने का प्रमाण है।
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दिल्ली में कुल 468 दुकानें ही शराब कि चल रही जो उनकी शराब नीति लागु होने के बाद और भी कम हो जाएगी। लोग सीबीआई, ईडी के डर से अवैध शराब कि दुकाने नहीं खोलेंगे। अब दिल्ली में सिर्फ सरकारी शराब कि ही दुकानें खुलेगी।